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भारत क्यों बार बार विफल रहता है
विशेष आर्थिक क्षेत्र पर आधारित विकास की अपनी नीतियों के चलते केंद्र व राज्य सरकारें राज्य अभियांत्रिकी सेवाओं की दुर्दशा की अनदेखी करती जा रही हैं।
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पोस्ट पर : 2010-02-19 |
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भारत में आतंकवाद से मुकाबला - कुछ नीतिगत सुझाव
भारत सरकार त्वरित स्तर पर और लम्बी अवधि में कई ऐसे नीतिगत उपायों को अमल में ला सकती है जिस से इस खतरे से निपटा जा सकता है और देश को इस लड़ाई को जीतने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति के साथ-साथ रणनीतिक कौशल भी परिचय देना होगा।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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ई-कचरा प्रबंधन - भारत को अब कदम उठाने होंगे
भारत को इ-कचरे की समस्या के स्थायी समाधान के लिए यूरोपीय देशों में प्रचलित व्यवस्था Extended Producer Responsibility (विस्तारित निर्माता जवाबदेही) की तर्ज़ पर पुनर्चक्रण प्रक्रिया विकसित करनी चाहिए।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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भारत में राजनीतिक निष्क्रियता
भारतीय राजनेताओं की किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहने की प्रवृत्ति भारतीय लोकतंत्र में नए विचारों और युवा रक्त के प्रवाह को रोक रही है। क्या इसका कोई हल है?
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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भारत में जल प्रदूषण - एक नए दृष्टिकोण की आवश्यक्ता
सरकार को जल प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदूषण नियंत्रण परियोजनाओं पर धन व्यय करने के बजाय जल शोधन संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा देना चाहिए और इसके लिए सब्सिडी और अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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प्रौद्योगिकी कैसे शासन प्रणाली में सुधार ला सकती है
यह लेख कुछ व्यवहारिक उदाहरणों की मदद से ये प्रदर्शित करता है कि सरकारी तंत्र में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से क्या प्रभाव पड़ सकता है और उसकी कार्यकुशलता कैसे बढ़ाई जा सकती है।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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भारत में भुखमरी की समस्या का निदान: भोजन को एक मौलिक अधिकार बनाएँ
आजादी के 60 वर्षों के बाद भी सभी सरकारी योजनायें मिलकर भी भारत से भुखमरी की समस्या तो जड़ से खत्म करने में असफल रही हैं। इस संबंध में केवल एक अच्छी तरह से परिभाषित मौलिक अधिकारों से संबंधित क़ानून ही मौजूदा परिदृश्य को बदलने के लिए उत्प्रेरक सिद्ध हो सकता है।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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राजनैतिक सुधारों की जननी - राजनीतिक दलों के पार्टी फंड पर कर
इस लेख के द्वारा हम एक ऐसे नियम की वकालत करते हैं जो सत्ता के उच्च स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए के लिए सबसे बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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आणविक खेती - विकासशील देशों में संभावनाएं
यह लेख आणविक खेती से होने वाले लाभ और व्यावसायिक स्तर पर खेती करने की आवश्यक्ता को रेखांकित करता है ताकि दवाओं और कृषि उत्पादों की बढती हुई मांग को पूरा किया जा सके।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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राजस्थान पर्यटन विकास निगम - भारत में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक मिसाल
भारतीय पर्यटन उद्योग अपनी सभी खूबियों के बावजूद कुछ मुठ्ठी भर कठनाइयों और बाधाओं जैसे शातिर दलालों, अपर्याप्त सुविधाओं और दयनीय बुनियादी ढांचे, आदि से अछुता नहीं है। इस संदर्भ में राजस्थान पर्यटन विकास निगम एक अनुकरणीय मिसाल बन कर उभरा है।
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पोस्ट पर : 2010-02-20 |
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सुधार नहीं, परिवर्तन ज़रूरी
जन-सामान्य की उपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हमारा मूल मंत्र होना चाहिए - "वृद्धिशील सुधार नहीं, हमें पूर्णयतः परिवर्तित होने की आवश्यकता है"।
टी एस कृष्णमूर्ति भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त |
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टिप्पणियां / प्रतिक्रियाएं |
"पालिसी प्रपोज़ल्स फॉर इंडिया " एक स्वागत-योग्य उपक्रम है। एक निष्पक्ष समीक्षक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए यह नागरिक समाज के सदस्यों को अपने विचारों को प्रकट करने का मौका देगा और उन नीतिगत बदलावों से संबंधित सुझावों को रखने का मौका देगा जो उन्हें आवश्यक लगते हैं।
- डाo योगेन्द्र नारायण,
भूतपूर्व महा सचिव, राज्य सभा
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